Wednesday, 28 October 2015

जीवन में मिट्टी के दीपक की ज्योति से उजाला लाये...

जीवन में मिट्टी के दीपक की ज्योति से उजाला लाये...
विनोद प्रजापति
जन्म होते ही और मृत्यु के बाद तक भारतीय मानव का जीवन दीपक के ही समांतर चलता है। हर छोटे बड़े प्रसंग में उसकी उपस्थिति हमारे सांस्कृतिक गौरव की वृद्धि करती है। दीपक प्रकाश, जीवन और ज्ञान का प्रतीक हैं। इसके बिना सब कुछ अंधकारमय हैं। दीपक का महत्व सभी धर्मो में समान है किन्तु दीपक वस्तु के रूप में अलग अलग प्रतिष्ठित है जैसे ईसाई धर्म में दीपक का स्थान मोमबत्ती ने ग्रहण कर लिया है.
हम दीपक की ज्योति के अनुसार भी शुभ-अशुभ जान सकते है शास्त्रों में कहा गया है कि यदि दीप ज्योति रुखी या कोरी ही दिखाई दे तो धन की हानि होती है ज्योति सफ़ेद हो तो अन्न की हानि, ज्यादा लाल हो तो घर में क्लेश, काले रंग में ज्योति हो तो मृत्यु या मृत्यु समान कष्ट प्राप्त होता है. । यदि दीपक बिना हवा या बिना किसी कारण के अपने आप बुझ जाय तो घर में कलह का वातावरण बनता है.कहा भी है.
..रूक्षैर्लक्ष्मी विनाशःस्यात श्वैतेरन्नक्षयो भवेत्
अति रक्तेषु युध्दानि मृत्युःकृष्ण शिखीषु च।.
मिट्टी के दिए में दीपक का विश्व में अत्यंत प्रभावशाली महत्व है मिटटी का दिया पांच तत्वों से मिल कर बनता है जो मनुष्य के शरीर से तुलना करता है जिन पांच तत्वों से मानव का शरीर निर्मित होता है उन्हीं पांच तत्वों से ही मिट्टी के दिए का निर्माण कुम्हार के हाथो द्वारा होता है पानी,आग,मिट्टी,हवा तथा आकाश तत्व ही मनुष्य व मिट्टी के दिए में उपस्थित रहते है.इस दिए का दीपक जलाने से ही समस्त अनुष्ठान कर्म आदि होते है शास्त्र अनुसार इसे प्रज्जवलितकरते समय प्रार्थना करते है.
शुभम करोति कल्याणं आरोग्यम् धन सम्पदा. शत्रुबुध्दि विनाशाय दीपज्योति नमस्तुते ।।
अर्थात यह दीपक हमारे लिए शुभ फलदायक हो आरोग्यता प्रदान करे धन सम्पदा की वृद्धि हो तथा शत्रुओं की बुद्धि का विनाश करने वाली दीप ज्योति को में प्रणाम करता हूं देखों कितना महत्व शास्त्रों ने दिया है सच भी है जब तक हमारे देश में मिट्टी के बर्तन ओर घर घर दिए जलते थे तब तक ही हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाया जाता था. आज भी जब दीपावली के शुभ अवसर पर मिट्टी के दीयों का ही अत्यंत महत्व है.
वास्तु शास्त्र में इसका महत्व इस बात से है यदि घर में अखंड दीपक की व्यवस्था की जाए तो वास्तु दोष समाप्त होता है.
श्री राम चरित मानस का पाठ अखंड दीपक के समक्ष करने से भी वास्तु दोष समाप्त होता है.
अमावस्या को संध्या के समय यदि मिट्टी का दीया मंदिर में प्रज्जवलित करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
घर में दीपक की व्यवस्था अर्थात रखने का स्थान वास्तु में अति महत्व रखता है घर के दक्षिण-पूर्व अर्थात अग्नि कोण में यदि प्रतिदिन मिट्टी का दीपक का उजाला किया जाए तो जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव नहीं रहता है घर की महिलाओं का स्वास्थ्य भी भली प्रकार से रहता है.
मिट्टी का दीपक यदि दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाए तो व्यवसाय में नित्य उन्नति तथा घन आगमन का मार्ग खुलता है.
ऑफिस के दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम कोण में रखने से साझेदार से अनुकूलता रहती है.
बच्चो के कमरे में यदि मिट्टी का दीपक अग्नि कोण में किसी अलमारी में रखा जाए तो बुद्धि का विकास होता है.
वास्तु का मानना है कि प्रत्येक वस्तु से किसी ना किसी प्रकार की उर्जा निकलती है यदि यह उर्जा आपके अनुकूल ना हो तो वह आपका नुक्सान भी कर सकती है इसलिए यह ध्यान रखें कि यह मिट्टी का दीपक कभी भी उत्तर या उत्तर-पूर्व ईशान कोण में भूल कर भी ना रखे इसके दुष्परिणाम होते है ओर बेडरूम में भी ना रखे पति-पत्नी के मध्य तनाव की स्थति बनती है.
यह मिट्टी का दीया ओर इसका प्रकाश आपके जीवन में सुख सम्पदा लाने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगा.
पत्रकार विनोद प्रजापति सूरत
9724935679
vinodprajapatti@gmail.com

No comments:

Post a Comment

Please Give Your Valuable Comments