Tuesday, 29 July 2014

सावन का महाशिवरात्रि विशेष:

सावन का महाशिवरात्रि विशेष: त्रिलोकीनाथ को मनाने का यत्न 

भारत में भगवान शिव से संबंधित बहुत से पर्व तथा त्यौहार मनाए जाते हैं। उनमें श्रावण मास का अपना विशिष्ट महत्व है। एक महीने में चार सोमवार, एक प्रदोष तथा एक शिवरात्रि, ये योग एकसाथ श्रावण महीने में मिलते हैं इसलिए श्रावण महीने में किए गए व्रत, उपवास और पूजन अधिक फल प्रदान करने वाले होते हैं।

रादौर में सावन माह की शिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर भगवान शिव की आराधना की। इस शुभ मौके पर श्रद्धालुओं ने भांग, धतूरा, बेलपत्र व फूल चढ़ाकर त्रिलोकीनाथ को मनाने का यत्न किया।

मान्यता है की शिवरात्रि के दिन जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। शिवरात्रि पर्व को लेकर शिवालयों में हर हर महादेव की गूंज रहती है। भोर से ही विशेष पूजन-अर्चन व रुद्राभिषेक शुरू हो गए। यहां प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही मंदिरो में भीड़ जमा होनी शुरू हो गई थी। वही शिवरात्रि के पावन पर्व पर हरिद्वार से गंगा जल लेकर आने वाले कावंड़ियों की टोलियों से बोल बम-बम व हर हर महादेव के नाम की गूंज हर तरफ सुनाई दी। जिसके चलते पूरा रादौर क्षेत्र शिवमय हो गया।

प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी यमुनागिरी शास्त्री ने बताया की श्रावण मास की शिवरात्रि भक्तों को विशेष फल देने वाली है। शिवरात्रि के दिन जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

वहीं कावंड़ियों ने बताया की यात्रा के दौरान भगवान शिव की उन पर ऐसी कृपा होती है की उन्हें रास्ते में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता।

पानीपत में महाशिवरात्रि का पर्व आज पूरे उत्साह और धार्मिक आस्था के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुअ की कतारें लगी रहीं। श्रदालुओ ने व्रत रखकर भगवान शिव की अराधना की और मंदिरो में हरिद्वार से कावड़ लेकर पहुंचे। शिव भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिशेक किया। पानीपत के ऐतिहासिक प्रसिद्ध देवी मंदिर में स्थित प्राचीन शिव लिंग पर जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं में आस्था एवं उत्साह दिखाई दिया।

महाशिवरात्रि पर्व पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से गंगा जल लेकर आए शिव भक्त कावड़ियों की कई दिनों की तपस्या उस समय सफल हुई जब भारी संख्या में श्रद्धालुओं की टोलियां भगवान शिव की अराधना करने के लिए मंदिरों में उमड़ पड़ी।

आज सुबह से ही शिव भक्त कावड़ियों का तांता मंदिरों में लगा हुआ है। मंदिरों का प्रांगण शिवमय नजर आ रहा है। अपने अराध्य को खुश करने के लिए शिव भक्त बम-बम के जयकारे लगाते हुए सैंकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर कावड़ से जल लाकर अपने आराध्य देव को अर्पित कर मनोकामनाएं पूरी करने का वरदान मांगते हैं।

 

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